Friday 23 May 2014

Khushbu Vatan Ki..............

रहे परदेस में तो वतन की याद आई,
खाई ठोकर तो माँ बाप की याद आई,
शहर तो बहुत देखे दुनिया में,
लेकिन जब अपनी मिट्टी की बात
आई,
तब भायावदर की बहुत याद आई...